मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को राज्य विधानसभा में अपने तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया। बजट में उन्होंने अपने गृह नगर का विशेष ध्यान रखते हुए जोधपुर को शिक्षा व चिकित्सा के क्षेत्र में कई सौगात प्रदान की। जोधपुर में अब एक नया होम्योपैथी महाविद्यालय खोला जाएगा। वहीं प्रदेश के सबसे पुराने एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज के अपग्रेडेशन के लिए बीस करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने जोधपुर में होम्योपैथी महाविद्यालय के अलावा कृषि विश्वविद्यालय में 5 करोड़ की लागत से डेयरी प्रोद्योगिकी संस्थान शुरू करने की घोषणा की। वहीं शारीरिक महाविद्यालय के लिए अलग से 5 करोड़ रुपए देने की घोषणा की।
चिकित्सा क्षेत्र में एमडीएम अस्पताल की ओपीडी ब्लॉक के विकास पर 46 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसी अस्पताल में सर्जरी व मेडिसन के 4 नए वार्ड विकसित करने के लिए 11 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। लकवाग्रस्त मरीजों की जांच व सुविधाओं के लिए 10 करोड़ का प्रावधान मुख्यमंत्री ने अपने बजट में किया है। इसके अलावा यहां पर पीडियाट्रिक कैथ लैब की स्थापना की जाएगी। वहीं कैसर पीड़ित मरीजों की सुविधा के लिए एमडीएम अस्पताल में नई मशीन स्थापित की जाएगी। जिले के ओसियां व भोपालगढ़ में ट्रोमा सेंटर स्थापित किए जाएंगे। आयुर्वेद विश्वविद्यालय में महिला छात्रावास का निर्माण कराया जाएगा।
जोधपुर जिले के पीपाड़ शहर में जिला परिवहन कार्यालय स्थापित किया जाएगा। साथ ही जोधपुर शहर के जयनारायण व्यास टाउन हाल के जिर्णोद्धार के लिए 5 करोड़ देने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा जोजरी नदी के किनारे तीन नए एसपीटी संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। वहीं जोधपुर व पचपदरा में रिफाइनरी कौशल विकास केन्द्र शुरू किए जाएंगे। इनके माध्यम से युवा प्रशिक्षण ले रिफाइनरी में रोजगार हासिल कर पाएंगे। जोधपुर की विधि विज्ञान प्रयोगशाला में अब डीएनए टेस्ट की सुविधा विकसित की जाएगी। वहीं जोधपुर में विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर खोलने की डीपीआर तैयार करने के लिए एक करोड़ रुपए का प्रवाधान किया गया है।
उल्लेखनीय है कि गहलोत ने जोधपुर को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी शहर बनाने पर हमेशा अपना ध्यान केन्द्रित रखा है। यहीं कारण है कि जोधपुर में एनएलयू, आयुर्वेद विश्वविद्यालय, पुलिस विश्वविद्यालय, कृषि विश्वविद्यालय के अलावा आईआईटी, एम्स, निफ्ट व फुटवियर तकनीकी संस्थान जैसे शिक्षण संस्थान पहले से कार्यरत है। अब इनमें होम्योपैथी कॉलेज के रूप में एक और संस्थान का नाम जुड़ जाएगा।